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आजमाईश

दीपक 'कुल्लुवी' की कलम से.................
दीपक 'कुल्लुवी' की कलम से.................
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आजमाईश

न ख्वावों पे कर भरोसा कमबख्त टूट भी सकते है
और न यकीं दोस्तों पे कमबख्त लूट भी सकते हैं
हम यूँ ही नहीं कहते आजमाईश की है यारो
रिश्ते आज जो अपने से लगे ,कल छूट भी सकते हैं

दीपक शर्मा ‘कुल्लुवी’

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