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डी० टी० सी ० बसों कि मनमानियाँ सबकी परेशानियाँ

दीपक 'कुल्लुवी' की कलम से.................
दीपक 'कुल्लुवी' की कलम से.................
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डी० टी० सी ० बसों कि मनमानियाँ सबकी परेशानियाँ
रिपोर्ट : दीपक ‘कुल्लुवी’ व्यूरो चीफ “न्यूज़ प्लस” देहली


डी०डी० ए० फ्लैट्स कालकाजी  नई दिल्ली से  429 न०  की डी० टी० सी ० की  बस
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए बनकर चलती है I  बसों की कोई कमी नहीं है ए०सी०,नॉन ए० सी० दोनों तरह की बसें यूं तो भरपूर हैं लेकिन अव्यवस्था  इतनी अधिक है की सवारियाँ परेशान हो जाती हैं और यह अधिकतर होता है सुबह 8.30 से 9.30 के समय पर जब सवारियों की आवाजाही अत्यधिक होती है I  सबको अपने अपने कार्य क्षेत्र में पहुँचने की जल्दी होती है I किसी को स्कूल पहुँचना होता है किसीको दुकान पर य किसी को दफ्तर  I कायदे से जो बस सबसे आगे खड़ी होती है उसे सबसे पहले चलना चाहिए लेकिन यहाँ ऐसा कुछ नहीं है कई बार आगे वाली बस वहीँ की वहीँ खड़ी रह जाती है और बाद में आयी बस निकलकर चली  जाती है  मजबूर इंसान बेबसी के आलम में मन मसोसकर वहीँ बैठा रहता है उस बस ले चलने के इंतज़ार में क्योंकि कंडक्टर टिकेट पहले ही  काट चुका होता है  टिकेट पहले उसी बस की सवारियों का काटना चाहिए जो सबसे  पहले चलनी होती  है I

यह इस बस स्टैंड पर हररोज़ का ड्रामा है इसलिए प्रशासन से बिनम्र निवेदन है कि उचित व्यवस्था कि जाए जिससे लोग इस बेवजह कि परेशानी लड़ाई झगड़ा,बहस बाज़ी  से बच सकें I
इन सब बसों में डिजिटल बोर्ड हैं उनमें लिख  देना चाहिए कि उक्त बस कि रवानगी का समय क्या है  याकि लोग अपने हिसाब से बसों में स्वार हो सकें डी० टी० सी ० बसों कि मनमानियाँ सबकी परेशानियाँ  नहीं होनी चाहिए I

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