कसूरवार कौन …?
दीपक कुल्लुवी ‘(व्यूरो चीफ दिल्ली) न्यूज़ प्लस ऑन लाइन चैनल I
गोविन्दपुरी मैट्रो स्टेशन के सामने ही डी0 टी0 सी0 का श्यामनगर बस स्टैंड है जो पहले ‘पुँज सन्स’ के नाम से विख्यात था शाम को वहां अद्धभुत नज़ारा देखने को मिलता है क्योंकि कालकाजी के सरकारी स्कूल के सैंकडों बच्चे शाम छह बजे के क़रीब इस स्टैंड पर अपने घरों को जाने के लिए एकत्र हो जाते है वही समय दूसरे दफ्तरों की छुट्टी का भी होता है और आसपास कई फैक्ट्रियाँ,सरकारी गैर सरकारी दफ्तर हैं I
लेकिन परेशानी यह हो जाती है कि बच्चों के हजूम देखकर अधिकतर बस वाले तो बस रोकते ही नहीं कुछेक रोक भी लेते हैं तो बच्चे इतनी ज्यादा तादात में होते हैं की दूसरे लोगों को चढ़ने का मौका ही नहीं मिल पाता और इसका खामियाजा भुगतते हैं दूसरे लोग घंटों लग जाते हैं उन्हें बस पकड़ने में और कई बार तो बच्चे भी इतनें उग्र हो जाते हैं कि बसों पर कई बार पथराव कर देते हैं डंडो से खिडकियों पर वार करते हैं कई बार दुर्घटनाएँ भी हो चुकी है लेकिन प्रशासन नाकाम इसका कोई स्थाई हल आज तक नहीं निकल पाया I यहाँ सबसे नजदीक ओखला ,नेहरू प्लेस और ओखला डीपू हैं शाम छह ,सात के बीच में अगर कुछ ज्यादा बसें चलें तो इस परेशानी से काफी हद तक निजात पायी जा सकती है I ज्यादा बच्चे ड़ी0 ड़ी0 ए0 फ्लैट्स,गोविन्दपुरी,संगम विहार,तुगलकाबाद,तैहखंड ओखला,खानपुर के होते हैं अब उनकी भी मजबूरी है शाम का समय होता है उन्हें भी अपने घरों में पहुंचना होता है ज्यादातर गरीब घरों से हैं अगर अमीर होते तो महंगे स्कूलों में होते अब ऐसी हालत में सरकार को ही कोई ठोस कदम उठाने चाहिए कि इन बच्चों का भी भला हो और परेशान होते दूसरे लोगों का भी I बच्चे अक्सर बसों के पीछे लटके नज़र आते हैं कई बेचारे छोटे बच्चे इधर उधर बसों के पीछे भागते नज़र आते हैं उन्हें देखकर तरस भी आता है I
इस स्टैंड पे तैनात ट्रैफिक पुलिस ऑफिसर श्री जय बीर सिंह जी बेचारे अकेले ही दौड़,भाग भाग कर बस स्टॉप से दूर भागती बसों को रोक रोककर बच्चों को उनमें बिठाने की कोशिश में लगे रहते हैं लेकिन वोह अकेले भी क्या कर सकते हैं अगर आगे वाली बसों को रोकते है तो कुछ बसें,आर टी0 वी0 पीछे पैट्रोल पम्प वाली सड़क से भाग जाती हैं I अगर हर बस थोड़े थोड़े बच्चे भी ले जाए तो काम बन सकता है लेकिन ऐसा होता नहीं I इन बसों को सख्त हिदायत होनी चाहिए बस को स्टैंड पर रोकने की और ऐसा न करने वाले ड्राइवर को उचित सजा का प्राबधान होना चाहिए I
कल मैं पूरे एक घंटा तक श्री जय बीर सिंह जी की भाग दौड़,मेहनत मुशक्कत देखता रहा जो सचमुच नाकाबिले तारीफ है अगर हर ट्राफिक पुलिस कर्मचारी इनकी तरह अपनी जिम्मेदारी समझे तो सुधार निश्चित है फिर वो चाहे डी0 टी0 सी0 बस ड्राईवर हों, आर टी0 वी0 वाले य ऑटो वाले I मुझे भी सात बजे ठीक एक घंटे के बाद 420 न बस मिली और इस एक घंटे में एक भी बस 463 न0 की नहीं दिखी जो सबसे ज्यादा होनी चाहिए शायद जानबूझकर ही ओखला डीपू इस समय पर कम बसें चलाता है 463 न0 की I बच्चों के अबिभावकों और स्कूल के अध्यापकों को भो इन खुरापाती बच्चों को समझाना चाहिए कि वह तहजीब न छोड़ें कुछ तो आपस में ही इतनी गन्दी गन्दी गलियां देते हैं की आपको शर्म आ जाए I कई छोटे छोटे बच्चे भी आपको सिगरेट पीते नज़र आ जाएँगे I
अब आप खुद ही यह फैसला करें कि असली कसूरवार है कौन …….?
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